प्रश्न 01. डिजिटल कंप्यूटर किस सिद्धान्त पर कार्य करता है ?
- (A) मापन
- (B) गणना
- (C) विद्युत
- (D) लॉजिकल
उत्तर :- गणना
गणना :- संगणना किसी भी प्रकार की अंकगणितीय या गैर-अंकगणितीय गणना है जो एक अच्छी तरह से परिभाषित मॉडल (जैसे, एक एल्गोरिथ्म) का अनुसरण करती है। यांत्रिक या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (या, ऐतिहासिक रूप से, लोग) जो संगणना करते हैं, कंप्यूटर के रूप में जाने जाते हैं। संगणना के अध्ययन का एक विशेष रूप से प्रसिद्ध अनुशासन कंप्यूटर विज्ञान है। कंप्यूटर मे ALU (Arithmetic Logic Unit) का उपयोग गणना और तुलना करने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 02. भारत में विकसित ‘परम’ सुपर कंप्यूटर का विकास किस संस्था ने किया है ?
- (A) IIT, कानपुर
- (B) IIT, दिल्ली
- (C) C-DAC
- (D) BARC
उत्तर :- C-DAC
C-DAC :- CDAC का फुल फॉर्म- Center for Development of Advanced Computing है | यह एक इंस्टिट्यूट है , जो आपको पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कराता है | यह प्रगत संगणन विकास केंद्र अथवा सी- डैक की एक अर्धसरकारी सॉफ्टवेयर कंपनी है | सी – डैक का शुरुआत में मुख्य उद्देश्य स्वदेशी महासंगणक बनाना था | हिंदी जगत में यह मुख्य रूप से भाषाई कम्प्यूटिंग संबंधी विकास कार्यों के लिए जानी जाती है |
प्रश्न 03. निम्न में से तेज कौन-सा है ?
(A) Registers
(B) CD_ROM
(C) RAM
(D) Cache
उत्तर:- Registers
रजिस्टर :- रजिस्टर एक मेमोरी होती है जो कि कंप्यूटर का ही एक भाग होता है रजिस्टर मेमोरी सबसे तेज मेमोरी के रूप में से एक होती है। यह सीपीयू में उपयोग होने वाली मेमोरी है इसका प्रयोग सीपीयू द्वारा बहुत सारे ऑपरेशन करने के लिए किया जाता है। रजिस्टर मेमोरी का मुख्य उपयोग डाटा को स्टोर करने और data instruction के लिए किया जाता है। कंप्यूटर रजिस्टरों के तीन महत्वपूर्ण कार्य हैं , प्राप्त करना, डिकोड करना और निष्पादन करना । उपयोगकर्ता से डेटा निर्देश रजिस्टर द्वारा विशिष्ट स्थान पर एकत्र और संग्रहीत किए जाते हैं। निर्देशों की व्याख्या और प्रक्रिया की जाती है।
प्रश्न 04. किसने पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर – ENIAC को बनाया था ?
- (A) वॉन न्यूमान
- (B) प्रेस्पर एकर्ट & जॉन मौचली
- (C) जोसेफ मेरी
- (D) चार्ल्स बैबेज
उत्तर :- प्रेस्पर एकर्ट & जॉन मौचली
प्रेस्पर एकर्ट & जॉन मौचली :- जॉन विलियम मौचली और जे. प्रेस्पर एकर्ट वे वैज्ञानिक हैं जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर एंड कंप्यूटर (ENIAC) के आविष्कार का श्रेय दिया जाता है , जो 1946 में पूरा हुआ पहला सामान्य-उद्देश्य वाला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर है। प्रेस्पर एकर्ट ENIAC के सह-आविष्कारक थे, जिसे 1946 में पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में जनता के लिए पेश किया गया था। ENIAC को एक कंप्यूटर चमत्कार माना जाता था, जिसमें 17,000 से अधिक वैक्यूम ट्यूब और 30 टन से अधिक वजन था।
प्रश्न 05. डॉट मैट्रिक्स किस उपकरण की किस्म है ?
- (A) प्रिन्टर
- (B) स्कैनर
- (C) की-बोर्ड
- (D) माउस
उत्तर :- प्रिंटर डॉट
मैट्रिक्स :- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर धीमी गति का इम्पैक्ट प्रिंटर है। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक बार में एक कैरेक्टर प्रिंट करता है। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में एक हेड होता है जो बायें से दायें व् दायें से बायें घूमता है। इसके प्रिंटर हेड में कुछ छोटे छोटे हथौड़े होते हैं जो स्याही लगे रिबन पर प्रहार कर कैरेक्टर उभारते हैं। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की गति तथा छपाई की गुणवत्ता इसमें प्रयोग होने वाले पिनों की संख्या पर निर्भर करती है। यह भी 80 कॉलम और 132 कॉलम दो तरह की क्षमताओं में आते है।
प्रश्न 06. की-बोर्ड में ‘Function Key’ की संख्या कितनी होती है ?
- (A) 16
- (B) 12
- (C) 19
- (D) 14
उत्तर :- 12
Function key :- एक फ़ंक्शन कुंजी कंप्यूटर या टर्मिनल कीबोर्ड पर एक कुंजी है जिसे प्रोग्राम किया जा सकता है ताकि ऑपरेटिंग सिस्टम कमांड दुभाषिया या एप्लिकेशन प्रोग्राम को कुछ क्रियाएं करने के लिए , सॉफ्ट कुंजी का एक रूप दिया जा सके। कुछ कीबोर्ड/कंप्यूटर पर, फ़ंक्शन कुंजियों में डिफ़ॉल्ट क्रियाएं हो सकती हैं, जिन्हें पावर-ऑन पर एक्सेस किया जा सकता है। इस फंक्शन कीज Function keys का यूज़ हम ऑल्ट(alt) के साथ कर सकते है अगर हम alt+F4 दबाये तो हमारे कंप्यूटर में जो भी एप्लीकेशन सामने खुला हुआ है वो क्लोज हो जायेगा इसके साथ ही अगर हम डेक्सटॉप पर जाकर alt+F4 प्रेस करते है तो यह शट डाउन (Shut Down) का आप्शन दिखा देगा।
प्रश्न 07. किस प्रिंटर द्वारा एक स्ट्रोक में एक अक्षर प्रिंट होता है ?
- (A) प्लॉटर
- (B) लेजर प्रिंटर
- (C) डाट मैट्रिक्स प्रिंटर
- (D) लाइन प्रिंटर
उत्तर :- लाइन प्रिंटर
लाइन प्रिंटर ;- LINE PRINTER का बड़े स्तर पर उपयोग होता है ! यह 400 से 1500 लाइन प्रति सेकेण्ड प्रिंट करता है इसकी कार्यविधि भी DOT MATRIX printer के समान होती है बस यह डॉट मेट्रिक का बड़ा रूप है यह एसी जगह उपयोग किया जाता है जहा पर रेगुलर हजारो की संख्या में प्रिंट निकलते है । प्रारंभिक लाइन प्रिंटर के मुद्रण तंत्र में एक श्रृंखला में जुड़े स्लग की एक श्रृंखला शामिल थी। एक घूमने वाले ड्रम पर उभरे हुए अक्षरों वाला एक प्रिंटर जिसके खिलाफ कागज दबाया जाता है। प्रिंट ड्रम एक श्रृंखला की तुलना में शांत होता है क्योंकि यह चुपचाप घूमता है, जैसा कि एक श्रृंखला बनाने वाले क्लैटर के विपरीत होता है।
प्रश्न 08. इनमें से कौन इनपुट डिवाइस नहीं है ?
- (A) मॉनीटर
- (B) मैग्नेटिक टेप
- (C) ज्वाय स्टिक
- (D) मैग्नेटिक डिस्क
उत्तर :- मॉनिटर
मॉनिटर :- कम्प्यूटर मॉनीटर या डिस्प्ले एक इलेक्ट्रॉनिक्स डिस्पले डिवाइस है। एक मॉनीटर में प्रदर्शन इकाई, प्रदर्शन इकाई और आवरण होता है। आज कल के मॉनीटर में प्रदर्शन इकाई आम तौर पर पतली फिल्म ट्रांजिस्टर लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले और पुराने मॉनीटर में कैथोड किरण नली से बनी होती है। मॉनिटर एक आउटपुट डिवाइस है, जिसकी फुल फॉर्म Mass on newton is train on rat होती है।
प्रश्न 09. सर्वाधिक तेज गति का प्रिन्टर है ?
- (A) जेट प्रिन्टर
- (B) लेजर प्रिन्टर
- (C) थर्मल प्रिन्टर
- (D) डाट प्रिन्टर
उत्तर :- लेजर प्रिंटर
लेजर प्रिंटर :- लेज़र प्रिंटर कम्प्यूटर प्रिंटर का एक आम प्रकार है, जो तीव्र गति से किसी सादे कागज़ पर उच्च गुणवत्ता वाले अक्षर और चित्र उत्पन्न करता है। इस प्रिंटर में कार्टिज का यूज किया जाता है जिसके अंदर सूखी इंक भर दी जाती है। लेजर प्रिंटर का काम फोटोकॉपी मशीन के जैसे ही होता है लेकिन फोटोकॉपी मशीन में तेज रोशनी का इस्तेमाल किया जाता है। लेजर प्रिंटर 300 से लेकर 600 डीपीआई तक या फिर उससे भी ज्यादा रेजोल्यूशन की छपाई करता है ।
प्रश्न 10. L.C.D का पूरा नाम क्या होता है ?
- (A) Liquid Crystal Display
- (B) Lead Crystal Device
- (C) Liquid Central Display
- (D) Light Central Display
उत्तर :- Liquid Crystal Display
L.C.D ;- एलसीडी का पूरा नाम लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले है । यह एक निष्क्रिय उपकरण है,जो कि रंगीन चित्र, वीडियो और एनिमेशन प्रदर्शित करने के लिए कोई प्रकाश उत्पन्न नहीं करता है। बल्कि पीछे से आ रहे प्रकाश की किरणों को चित्र के अनुसार बदल देता है। द्रव क्रिस्टल प्रादर्शी ‘लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले’ एक प्रकार का डिस्प्ले (प्रादर्शी) है जो टेक्स्ट, छबि, विडियो आदि को एलेक्ट्रानिक विधि से प्रदर्शित करने के काम आता है। यह स्वयं कोई प्रकाश उत्पन्न नहीं करता बल्कि किसी दूसरे स्रोत से असके उपर पड़ने वाले प्रकाश को मॉडुलेट करता है।
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